kanchan singla

Add To collaction

मेरी किताब

इक किताब के पन्नो सी मेरी कहानी
इक दिन पलटी जाएगी मेरी लिखी कहानी
किसी बस, ट्रेन के सफर के दौरान
किसी मुसाफिर द्वारा पढ़ी जाएगी एक किताब
किताब के पहले पन्ने पर लिखे कविता के कुछ अंश
उसी किताब के आखिरी पन्ने पर लिखे
कविता के अंशों से जुड़ जाएंगे
जो उस किताब के मर्म को पूरा करते नज़र आएंगे 
इक दिन मेरी कलम चमक जाएगी
जब इक रोज साथ यात्रा कर रहे यात्री
मेरे सामने, मुझसे या अपने साथियों संग
मेरी लिखी किताब का जिक्र कर रहे होंगे
उन्हें सुनकर मैं बस धीमे से मुस्कुरा दूंगी
बिन अपनी पहचान बताए
फिर से किसी नयी कोरी कल्पना को जन्म दूंगी
फिर से इक नयी किताब लिखूंगी
पुरानी किताब की कड़ियों को जोड़कर 
एक नयी कहानी को जन्म दूंगी
फिर से कुछ मुसाफिर मिलेंगे सफर में
फिर से जिक्र होगा, चर्चा होगी
फिर से मेरे अंदर का लेखक जागेगा
कलम फिर से मुस्कुराएगी
फिर से एक नयी कहानी, नयी किताब में गढ़ी जाएगी ।।

लेखिका - कंचन सिंगला
लेखनी प्रतियोगिता -10-Nov-2022

   19
6 Comments

Gunjan Kamal

16-Nov-2022 08:20 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

Reply

Sachin dev

11-Nov-2022 06:30 PM

Nice 👌

Reply

Punam verma

11-Nov-2022 08:51 AM

Nice

Reply